Baidyanath Maharasnadi Kadha Uses In Hindi - बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा के फायदे और नुकसान
Baidyanath
Maharasnadi Kadha Uses In Hindi - बैद्यनाथ
महारास्नादी काढ़ा के फायदे
और नुकसान :
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा एक
आयुर्वेदिक दवा है। जिसका इस्तेमाल वात रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। जैसे-
पैरालिसिस, लकवा,
हाथीपाँव, गठिया, जोड़ों के दर्द,
हड्डियों के दर्द आदि। यह काढ़ा किसी भी
मेडिकल स्टोर या आयुर्वैदिक भंडार से बिना चिकित्सक की पर्ची के आसानी से मिल जाता
है। इस काढ़े का निर्माण कई सारी आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनियाँ करती हैं।
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| Baidyanath Maharasnadi Kadha ke fayde |
बैद्यनाथ
महारास्नादी काढ़ा के घटक द्रव्य - Ingredients of Baidyanath Maharasnadi Kadha in Hindi :-
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को कई सारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। जो कि इस प्रकार हैं-
| 🔹 रास्ना पत्ती | 🔹 नागरमोथा | 🔹 अश्वगंधा |
|---|---|---|
| 🔹 धमासा | 🔹 पुनर्नवामूल | 🔹 अतीस |
| 🔹 वलामूल | 🔹 गिलोय | 🔹 अगलतास का गूदा |
| 🔹 एरंड मूल | 🔹 विधारा | 🔹 शतावर |
| 🔹 देवदार | 🔹 सौंफ | 🔹 पीपल |
| 🔹 कचूर | 🔹 गोखरू | 🔹 पियावांसा |
| 🔹 बच | 🔹 धनिया | 🔹 छोटी कटेरी |
| 🔹 वाँसा | 🔹 बड़ी कटेरी | 🔹 गुड़ |
| 🔹 सोंठ | 🔹 धाय का फूल | 🔹 और जल |
| 🔹 हरड़ |
Baidyanath Maharasnadi Kadha uses in Hindi :-
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा वात रोग के लिए एक अत्यंत ही लाभकारी काढ़ा है। यह वात संबंधी निम्नलिखित बीमारियों को ठीक करता है।
| 🔹 पैरालिसिस | 🔹 हाथीपाँव (Elephantiasis) | 🔹 आस्टियोआर्थराइटिस |
|---|---|---|
| 🔹 पार्किन्सन (कंपकपी) | 🔹 हिस्टीरिया | 🔹 रूमोटोइड आर्थराइटिस |
| 🔹 कुबड़ापन | 🔹 आँत की वृद्धि | 🔹 फेशियल पेरेलिसिस |
| 🔹 लकवा | 🔹 आध्मान (नाभि के नीचे दर्द) | 🔹 शुक्र दोष |
| 🔹 कंधे का जाम होना | 🔹 बेरी बेरी रोग | 🔹 बाँझपन |
| 🔹 साइटिका | 🔹 योनिरोग | 🔹 मोटापा |
| 🔹 आमवात |
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा कैसे लें - Dose
of Baidyanath Maharasnadi Kadha in Hindi:-
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को 10 से 15
मिली. समान भाग में गुनगुना जल मिलाकर
सुबह-शाम खाना खाने के बाद पीपल चूर्ण या महायोगराज गुग्गुल या योगराज गुग्गुल या अजमोदादि चूर्ण के साथ दें। या फिर चिकित्सक के निर्देशानुसार इसका सेवन
करें।
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को किसी और
औषधि के साथ अनुमान के रूप में भी लिया जाता है।
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बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा के नुकसान - Baidyanath
Maharasnadi Kadha Side Effects Hindi :-
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा से होने वाले
नुकसान के बारे में अभी तक कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। फिर भी इसका इस्तेमाल
करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लें।
बैद्यनाथ
महारास्नादी काढ़ा को कहां से खरीदें? - Baidyanath Maharasnadi Kadha Price :-
बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को किसी भी मेडिकल स्टोर या आयुर्वैदिक भंडार से बिना चिकित्सक की पर्ची के आसानी से लिया जा सकता है। बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को ऑनलाइन खरीदने तथा Baidyanath Maharasnadi Kadha Price जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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सवाल- बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को कब
देना चाहिए?
जवाब- जिन लोगों को वात
संबंधित समस्या है या जिन्हें जोड़ों में दर्द रहता है या ऊपर लिखी गई किसी भी
बीमारी में बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को लिया जा सकता है।
सवाल- बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा कैसे लें?
जवाब- बैद्यनाथ
महारास्नादी काढ़ा को 10
से 15 मिली. समान भाग में
गुनगुना जल मिलाकर सुबह-शाम खाना खाने के बाद पीपल चूर्ण या महायोगराज गुग्गुल या
योगराज गुग्गुल या अजमोदादि चूर्ण के साथ दें। या फिर चिकित्सक के निर्देशानुसार
इसका सेवन करें।
सवाल- क्या बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा
को गर्भवती महिलाएं ले सकती हैं?
जवाब- इस
संबंध में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। अतः गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन
करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
सवाल- क्या बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा
को योगराज गूगल या महायोगराज गुग्गुल के साथ लेना चाहिए?
जवाब- हाँ, बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा को योगराज गुग्गुल या योगराज गूगल के
साथ लेना चाहिए या फिर चिकित्सक जिस प्रकार कहे उस तरह से इसका सेवन करना चाहिए।
सवाल- क्या बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा
पीने से नशा होता है?
जवाब- नहीं, इसे पीने से कोई नशा नहीं होता है।
सवाल- क्या बैद्यनाथ महारास्नादी काढ़ा
को बच्चों को दिया जा सकता है?
जवाब- बैद्यनाथ महारास्नादी
काढ़ा को 5 साल से ऊपर के बच्चों को दिया जा सकता है। बच्चों को बैद्यनाथ
महारास्नादी काढ़ा देने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
आप लोगों को ये जानकारी कैसी लगी कृपया अपने कमेन्ट हमे जरूर करें । धन्यवाद…
इस ब्लॉग में लिखी गई बातें सिर्फ
जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह की बीमारी होने पर स्वयं इलाज करने के बजाय अपने
चिकित्सक से संपर्क करें। Nature K Sath किसी भी तरह की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।
